पेड़ की आत्मकथा

मैं एक पेड़ हूँ, जो बरसों से धरती की छाया बना हुआ हूँ। मेरा तना मज़बूत है और मेरी जड़ें धरती के भीतर गहराई तक फैली हुई हैं। दिन-रात मैं मौसमों की मार सहता हूँ, कभी तेज़ धूप मुझे जलाती है, तो कभी मूसलाधार बारिश मुझे भिगो देती है। फिर भी मुझे कोई शिकायत नहीं, … Read more

chap 6 : Materials Around Us

Question 1: Why cannot a tumbler made of cloth be used for storing water? Answer: A tumbler made of cloth cannot be used for storing water because cloth allows water to pass through it. The water will leak out, and the cloth will become wet. Therefore, we cannot hold water in a cloth tumbler. Question … Read more

राखी का मूल्य

1) कर्णावती : बड़ा कठिन प्रसंग है। इस समय मेरे स्वामी नहीं हैं। नहीं तो उनके रहते मेवाड़ की ओर आँख उठाने का किसमें साहस था? क) कर्णावती क्यों चिंतित हैं? उत्तर: कर्णावती अपने पति महाराणा साँगा की अनुपस्थिति में मेवाड़ की सुरक्षा को लेकर अत्यंत चिंतित हैं। उन्हें लगता है कि उनके पति के … Read more

सोना

क) सोना अचानक आई थी, परंतु वह तब तक अपनी शैशव अवस्था भी पार नहीं कर सकी थी। 1) सोना कैसी दिखती थी? उत्तर: सोना का कोमल और लघु शरीर सुनहरे रेशमी लच्छों की गाँठ के समान था। उसका छोटा-सा मुँह और बड़ी-बड़ी आँखें थीं, जिन्हें देखकर ऐसा लगता था कि वे अभी छलक पड़ेंगी। … Read more

आप अपने परिवार के साथ किसी एक प्रदर्शनी (Exhibition )को देखने गए थे | वहाँ पर आपने क्या -क्या देखा? वहाँ कौन – कौन सी चीजों ने आकर्षित किया? जीवन में उनकी क्या उपयोगिता है? अपना अनुभव बताते हुए अपने प्रिय मित्र को पत्र लिखिए |

ब-512, महावीर हाइट्स, गाँवदेवी रोड़, दादर पश्चिम मुंबई – ४२ दिनांक : …………………….. प्रिय मित्र रमेश, सप्रेम नमस्कार। मैं यहाँ कुशल मंगल से हूँ और आशा करता हूँ कि तुम भी अपने परिवार के साथ कुशल होगे। काफी दिनों से तुम्हारा कोई पत्र नहीं मिला, उम्मीद है सब ठीक होगा। पिछले रविवार को मैं अपने … Read more

पेड़ -पौधे की देखभाल करने की प्रेरणा देते हुए अनुज को पत्र लिखिए |

क-213, प्रतिभा टावर, गाँवदेवी रोड़, दादर पश्चिम, मुंबई – ४२ दिनांक : …………………….. प्रिय अनुज विनोद, सस्नेह आशीर्वाद। मैं यहाँ कुशलता से हूँ और आशा करता हूँ कि तुम भी हॉस्टल में स्वस्थ और खुश होगे। माँ-पिताजी भी कुशल हैं और तुम्हें बहुत याद करते हैं। माँ ने बताया कि तुमने अपने हॉस्टल के कमरे … Read more

अपने छोटे भाई को प्रात : भ्रमण के लाभ बताते हुए एक पत्र लिखिए |

ब-512, महावीर हाइट्स, गाँवदेवी रोड़, दादर पश्चिम मुंबई – ४२ दिनांक : …………………….. प्रिय अनुज विनोद, सस्नेह आशीर्वाद। मैं यहाँ कुशल मंगल से हूँ और आशा करता हूँ कि तुम भी कुशल होगे। तुम्हारा पत्र मिला, जिसमें तुमने अपनी दिनचर्या के बारे में विस्तार से बताया। मुझे यह जानकर ख़ुशी हुई कि तुम नियमित रूप … Read more

आप अपने मामा जी के घर गए हैं, वहाँ का हाल बताते हुए अपनी माताजी को पत्र लिखिए |

अनिल शर्मा, गाँवदेवी रोड, दादर पश्चिम, मुंबई – ४२ दिनांक : …………………….. आदरणीय माताजी, सादर प्रणाम। यहाँ मामा जी के घर पर मैं बिलकुल ठीक हूँ और आशा करता हूँ कि आप और पिताजी भी घर पर स्वस्थ और कुशल मंगल होंगे। ट्रेन यात्रा थोड़ी थका देने वाली थी, पर मामा जी के घर पहुँचते … Read more

सुबह की सैर का लाभ बताते हुए मित्र को पत्र |

अनिल शर्मा, गाँवदेवी रोड, दादर पश्चिम, मुंबई – ४२ दिनांक : …………………….. प्रिय मित्र रोहित, सस्नेह नमस्ते । आशा है तुम कुशल होंगे। तुम्हारा पत्र काफी दिनों से नहीं आया, इसलिए हालचाल पूछने का मन हुआ। पिछली मुलाकात में तुम चिंतित और थके लगे थे। काम का बोझ बढ़ने के बावजूद, स्वास्थ्य का ध्यान रखना … Read more

प्राकृतिक आपदा

प्राकृतिक आपदाएँ मानव जीवन के लिए एक निरंतर चुनौती रही हैं। ये अचानक आने वाली घटनाएँ न केवल व्यापक विनाश का कारण बनती हैं, बल्कि मानव जीवन, अर्थव्यवस्था और पर्यावरण पर भी गहरा प्रभाव डालती हैं। भूकंप, बाढ़, सूखा, तूफ़ान, ज्वालामुखी विस्फोट, और भूस्खलन जैसी प्राकृतिक आपदाएँ मानव सभ्यता के लिए एक गंभीर ख़तरा हैं। … Read more