पेड़ -पौधे की देखभाल करने की प्रेरणा देते हुए अनुज को पत्र लिखिए |

क-213, प्रतिभा टावर,
गाँवदेवी रोड़,
दादर पश्चिम,
मुंबई – ४२

दिनांक : ……………………..

प्रिय अनुज विनोद,
सस्नेह आशीर्वाद।

मैं यहाँ कुशलता से हूँ और आशा करता हूँ कि तुम भी हॉस्टल में स्वस्थ और खुश होगे। माँ-पिताजी भी कुशल हैं और तुम्हें बहुत याद करते हैं। माँ ने बताया कि तुमने अपने हॉस्टल के कमरे में कुछ पौधे भी लगाए हैं। इसी बारे में मैं तुम्हें यह पत्र लिख रहा हूँ।

तुमने पौधे लगाए, यह तो बहुत सराहनीय कार्य है, पर पौधों की देखभाल करना भी उतना ही ज़रूरी है जितना उन्हें लगाना। हमें अपने लगाए पौधों को एक छोटे बच्चे की तरह पालना चाहिए। पौधों को नियमित रूप से पानी देना, उन्हें पर्याप्त धूप मिलना सुनिश्चित करना, समय-समय पर उनकी कटाई-छंटाई करना, उर्वरक डालना और उन्हें कीटों से बचाना आवश्यक है। पौधों को भी हमारी तरह देखभाल की ज़रूरत होती है। जहाँ पेड़-पौधे होते हैं, वह जगह सुंदर दिखती है। हरे-भरे पेड़-पौधे देखकर मन को शांति और प्रसन्नता मिलती है।

पौधे हमारे जीवन में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इसलिए आज से बिल्कुल भी आलस मत करना और जो पौधे तुमने लगाए हैं, उनका पूरा ध्यान रखना। माँ और पिताजी ने आशीर्वाद भेजा है। अपनी सेहत का ध्यान रखना।

तुम्हारा भाई,
अनिल शर्मा।

Leave a Comment