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आप अपने मामा जी के घर गए हैं, वहाँ का हाल बताते हुए अपनी माताजी को पत्र लिखिए |

अनिल शर्मा,
गाँवदेवी रोड,
दादर पश्चिम,
मुंबई – ४२
दिनांक : ……………………..

आदरणीय माताजी,
सादर प्रणाम।

यहाँ मामा जी के घर पर मैं बिलकुल ठीक हूँ और आशा करता हूँ कि आप और पिताजी भी घर पर स्वस्थ और कुशल मंगल होंगे। ट्रेन यात्रा थोड़ी थका देने वाली थी, पर मामा जी के घर पहुँचते ही सारी थकान मिट गयी। मामा जी और मामी जी दोनों ने बड़े प्यार और उत्साह से मेरा स्वागत किया।

यहाँ आकर मुझे बहुत अच्छा लग रहा है। मामा जी के घर के पीछे एक बड़ा सा बगीचा है जहाँ तरह-तरह के रंग-बिरंगे फूल और फलदार पेड़ लगे हैं। सुबह-सुबह बगीचे में टहलने का अपना अलग ही मज़ा है। कल मामा जी मुझे पास के ही एक प्रसिद्ध मंदिर में लेकर गए थे। शाम को हम सब घर के बाहर आँगन में बैठकर गपशप करते हैं और तारे देखते हैं। रात में यहाँ का आसमान तारों से जगमगाता है, जो शहर में देखने को नहीं मिलता। मामा जी ने मेरे लिए यहाँ घूमने-फिरने का भी पूरा प्रबंध कर रखा है। परसों हम सब पास के एक पहाड़ी इलाके में घूमने जाने वाले हैं, जहाँ एक झरना भी है।

मामा जी बहुत खुश हैं कि मैं यहाँ कुछ दिन उनके साथ बिताने आया हूँ। मामी जी भी मेरा बहुत ख्याल रख रही हैं। आप बिल्कुल भी मेरी चिंता मत करना। आप अपना और पिताजी का ध्यान रखना। जल्द ही आपसे मिलूँगा। पिताजी को मेरा प्रणाम कहना।

आपका पुत्र,
अनिल शर्मा

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