ब-504, गौरव हाइट,
गाँवदेवी रोड़,
दादर पश्चिम,
मुंबई – ४२
दिनांक : ……………………..
आदरणीय चाचाजी,
सादर प्रणाम।
आशा करता हूँ कि आप कुशलता से होंगे। मैं भी यहाँ हॉस्टल में स्वस्थ और प्रसन्न हूँ। तीन दिन पहले ही आपका पत्र मिला, उसमें आप जानना चाहते थे कि पढ़ाई के अलावा मैं किन और गतिविधियों में भाग ले रहा हूँ। कुछ दिनों पहले ही मैनें अपने विद्यालय की तरफ से पास के एक गाँव में साफ़-सफाई का अभियान चलाया था। उसी की जानकारी देने आपको यह पत्र लिख रहा हूँ।
लगभग दस दिन पहले हमारे विद्यालय की तरफ से एक सामाजिक सेवा सप्ताह आयोजित किया गया, जिसमें छात्रों को विभिन्न सामाजिक कार्यों में भाग लेने का अवसर मिला। मुझे और मेरी टीम को पास के एक गाँव में सफाई अभियान चलाने की जिम्मेदारी दी गई। गाँव का नाम था हरिपुर, जो स्कूल से करीब 10 किलोमीटर दूर है। हम सुबह जल्दी ही बस से वहाँ पहुँचे और गाँव के लोगों से मिलकर सफाई कार्य की योजना बनाई। हमने गाँव के मुख्य रास्तों, विद्यालय परिसर और सार्वजनिक स्थानों की सफाई की। प्लास्टिक और अन्य कचरे को अलग करके उन्हें अलग-अलग थैलियों में बाँधा । हमने गाँव के बच्चों और बड़ों को स्वच्छता का महत्त्व भी समझाया और उन्हें बताया कि कैसे साफ-सफाई से कई बीमारियों से बचा जा सकता है। महात्मा गांधी भी साफ़-सफाई बार बहुत जोर देते थे।
इस सफाई अभियान के दौरान मैंने जाना कि छोटे-छोटे प्रयास भी बड़े बदलाव ला सकते हैं। गाँव के लोग भी हमारे साथ जुड़े और हमें बहुत सहयोग मिला। इस अनुभव ने मुझे यह भी सिखाया कि समाज के प्रति हमारी कुछ ज़िम्मेदारियाँ होती हैं और हमें समय-समय पर उन्हें निभाना चाहिए। मेरा आपसे निवेदन है कि आप जैसे ही मौक़ा मिले, मुझसे मिलने जरूर आएँ। मैं आपको उस गाँव के बारे में और भी बातें विस्तार से बताऊँगा।
आपका प्यारा भतीजा,
अनिल शर्मा ।