अमित शर्मा,
गाँवदेवी रोड, दादर पश्चिम,
मुंबई – ४२
दिनांक : ……………………..
प्रिय मित्र रोहन,
सप्रेम नमस्कार।
मैं यहाँ आनंद से हूँ और उम्मीद करता हूँ कि तुम भी वहाँ आनंद से होगे और तुम्हारे माता-पिता का स्वास्थ्य भी अच्छा होगा। मैं यह पत्र तुम्हें ग्रीष्मावकाश में अपने घर आने का निमंत्रण देने के लिए लिख रहा हूँ। हम दोनों को साथ में वक्त बिताये काफी लंबा समय हो गया है, इस बार छुट्टियों में दोनों मिलकर खूब मजे करेंगे।
मेरी परीक्षा अप्रैल में समाप्त हो जायेगी। मई महीने के प्रथम सप्ताह में मैं छात्रावास से वापस घर आ जाऊँगा। तुम भी मई के पहले या दूसरे सप्ताह मेरे घर आ जाना। दोनों मिलकर बारी-बारी से सारे पुराने मित्रों से मिलने जाएँगे। पहले की तरह दिन में आठ – आठ घंटे क्रिकेट खेलेंगे। तुम्हारी पसंद की दुकानों से मिठाई और गोलगप्पे खाएँगे। इस बार मैं तुम्हें अपने सारे रिश्तेदारों से भी मिलाऊँगा। सबने बस तुम्हारे बारे में सुना है, इस बार जब सामने से मुलाक़ात होगी तो उन्हें भी बहुत ख़ुशी होगी।
मैनें तुमसे बिना पूछे ही घर में बोल दिया है कि इस बार गर्मियों की छुट्टियों में तुम आ रहे हो। इसलिए न आने का कोई बहाना मत बनाना। मैं तुम्हारे आने का बेसब्री से इंतजार करूँगा । समय निकाल कर आना और दोनों मिलकर इस बार की छुट्टियों को ख़ास बनाएँगे ।
तुम्हारा मित्र,
अमित शर्मा