आज का युग विज्ञान का युग कहलाता है। हम अपने चारों ओर जिधर भी दृष्टि डालें, हमें विज्ञान के चमत्कार दिखाई देते हैं। सुबह आँख खुलने से लेकर रात को सोने तक, हमारे जीवन का कोई भी क्षण ऐसा नहीं है जो विज्ञान के प्रभाव से अछूता हो। विज्ञान ने मानव जीवन को पूरी तरह से बदल दिया है और इसे पहले से कहीं अधिक सरल, सुविधाजनक और आनंदमयी बना दिया है। वास्तव में, आज विज्ञान के बिना जीवन की कल्पना करना भी असंभव सा लगता है।
विज्ञान का सबसे बड़ा चमत्कार है बिजली का आविष्कार, जिसने मनुष्य के जीवन से अंधकार को मिटा दिया है। आज हमारे घर बिजली के पंखे, कूलर, ए.सी., हीटर और बल्ब जैसे उपकरणों से भरे पड़े हैं, जो हर मौसम में हमें आराम देते हैं। रसोईघर में गैस-चूल्हे, फ्रिज और माइक्रोवेव ने गृहणियों के काम को बहुत आसान बना दिया है। विज्ञान ने हमारे दैनिक जीवन के हर कार्य में अपनी उपयोगिता सिद्ध की है।
बिजली से घर रोशन है, पंखे देते हैं हवा,
हर काम हुआ अब आसान, विज्ञान है हर मुश्किल की दवा।
यातायात और संचार के क्षेत्र में विज्ञान ने तो जैसे समय और दूरी पर विजय प्राप्त कर ली है। जिन यात्राओं को पूरा करने में पहले महीनों लग जाते थे, वे आज बस, रेलगाड़ी और हवाई जहाज के माध्यम से कुछ घंटों में ही पूरी हो जाती हैं। मनुष्य आज केवल धरती पर ही नहीं, बल्कि चाँद तक पहुँच गया है। टेलीफोन, मोबाइल और इंटरनेट के आविष्कार ने संचार के क्षेत्र में क्रांति ला दी है। आज हम हजारों मील दूर बैठे व्यक्ति से न केवल बात कर सकते हैं, बल्कि उसे देख भी सकते हैं। विज्ञान ने सचमुच पूरी दुनिया को एक छोटे से गाँव में बदल दिया है।
महीनों की दूरी, अब घंटों में होती है पार,
मीलों दूर बैठे अपनों से, हो जाता है पल में दीदार।
चिकित्सा के क्षेत्र में विज्ञान किसी वरदान से कम नहीं है। एक समय था जब चेचक, हैजा और प्लेग जैसी साधारण बीमारियाँ भी महामारी बनकर लाखों लोगों की जान ले लेती थीं। आज विज्ञान ने इन सभी रोगों पर नियंत्रण पा लिया है। एक्स-रे, अल्ट्रासाउंड, और विभिन्न प्रकार की जाँच मशीनों से शरीर के अंदर के रोगों का पता लगाना आसान हो गया है। शल्य-चिकित्सा (सर्जरी) द्वारा आज खराब अंगों को बदलना और जीवनदान देना संभव हो गया है। विज्ञान ने मनुष्य की औसत आयु को बढ़ाने में एक महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
असाध्य रोगों का अब, संभव हुआ है उपचार,
विज्ञान ने दिया है जीवन को, एक नया आकार।
मनोरंजन और शिक्षा के क्षेत्र में भी विज्ञान के चमत्कार स्पष्ट दिखाई देते हैं। रेडियो, टेलीविजन, सिनेमा और कंप्यूटर ने मनोरंजन के तरीकों को पूरी तरह बदल दिया है। इंटरनेट ज्ञान का एक असीमित भंडार है, जहाँ से हम किसी भी विषय पर जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। इसने दुनिया भर की जानकारी और मनोरंजन को हमारी उँगलियों पर उपलब्ध करा दिया है। कोरोना काल में पूरी दुनिया ने ऑनलाइन इंटरनेट पर ही सारी पढ़ाई की। यूट्यूब पर करोड़ों लोग वीडियो देख देख कर नयी – नयी चीजें सीख रहे हैं।
कृषि के क्षेत्र में भी विज्ञान ने एक मूक क्रांति की है। बढ़ती हुई जनसंख्या का पेट भरने के लिए अधिक अन्न का उत्पादन एक बहुत बड़ी चुनौती थी। विज्ञान ने उन्नत किस्म के बीज, रासायनिक खाद और कीटनाशक दवाइयाँ प्रदान करके इस समस्या का समाधान किया। ट्रैक्टर, थ्रेसर और सिंचाई के आधुनिक साधनों ने खेती को आसान बना दिया है, जिससे पैदावार में कई गुना वृद्धि हुई है। हरित क्रांति विज्ञान की ही देन है, जिसके कारण आज हमारा देश अनाज के मामले में आत्मनिर्भर बन सका है।
निस्संदेह विज्ञान ने मानव को असीमित शक्ति प्रदान की है, किंतु हमें यह भी याद रखना होगा कि विज्ञान एक अच्छा सेवक है, लेकिन बुरा स्वामी भी है। परमाणु बम जैसे विनाशकारी हथियार और बढ़ता हुआ प्रदूषण विज्ञान के दुरुपयोग का ही परिणाम हैं। अतः यह मनुष्य के विवेक पर निर्भर करता है कि वह इस शक्ति का प्रयोग मानवता के कल्याण के लिए करता है या उसके विनाश के लिए।