क) वह घोडा बड़ा सुंदर और बलवान था।
1) बाबा भारती सुलतान की देखभाल कैसे करते थे?
उत्तर: बाबा भारती सुलतान को अपने हाथ से साफ करते, खुद दाना खिलाते और देख-देख कर प्रसन्न होते थे।
2) सुलतान को देखकर बाबा भारती को किस प्रकार का आनंद आता था ?
उत्तर : माँ को अपने बेटे को देखकर और किसान को अपने लहलहाते खेत देखकर जो आनंद आता है, वही आनंद बाबा भारती को अपने घोड़े सुलतान को देखकर आता था। उन्हें लगता था कि वो सुलतान के बिना नहीं रह पाएँगे।
3) बाबा भारती मंदिर में क्यों रह रहे थे?
उत्तर: बाबा भारती का मन भगवान के भजन में ही लगता था। उन्हें नगर के जीवन से घृणा थी। उन्होंने अपना रुपया, माल, सामान, जमीन आदि सब कुछ छोड़ दिया था। अब गांव के बाहर एक छोटे से मंदिर में रहकर भगवान का भजन करते थे।
4) बाबा भारती के घोड़े सुलतान की क्या विशेषता थी?
उत्तर: बाबा भारती का घोड़ा सुलतान बड़ा सुंदर और बलवान था। उसके जैसा घोड़ा सारे इलाके में नहीं था। वह चलता था तो ऐसा लगता था जैसे मोर नाच रहा हो।
ख) बालकों की सी अधीरता से बोला, “परंतु बाबा जी, इसकी चाल न देखी तो क्या देखा !”
1) खड्गसिंह कौन था?
उत्तर: खड्गसिंह इलाके का कुख्यात डाकू था। लोग उसका नाम सुनकर काँपते थे।
2) खड्गसिंह बाबा भारती से मिलने क्यों पहुँचा ?
उत्तर: खड्गसिंह इलाके का कुख्यात डाकू था। उसने बाबा भारती के घोड़े सुलतान की कीर्ति सुनी तो उसका हृदय सुलतान को देखने के लिए अधीर हो उठा। इसलिए वह बाबा भारती से मिलने पहुँचा ।
3) सुलतान को देखने के बाद खड्गसिंह के मन में क्या ख्याल आया ?
उत्तर: जब खड्गसिंह ने सुलतान को देखा, तो वह आश्चर्यचकित रह गया। वह मन में सोचने लगा, “भाग्य की बात है, ऐसा घोड़ा मेरे पास होना चाहिए था। इस साधु को ऐसी चीजों से क्या लाभ?”
4) बाबा भारती क्यों डर गए?
सुलतान की चाल देखकर खड्गसिंह के हृदय पर साँप लोट गया। वह डाकू था, जो वस्तु उसे पसंद आए, उस पर वह अपना अधिकार समझता था। जाते-जाते उसने बाबा भारती से कहा कि सुलतान को वह उनके पास नहीं रहने देगा अर्थात वह सुलतान को चुरा लेगा । इससे बाबा भारती डर गए।
ग) उनके मुख से चीख निकल गई।
1) बाबा भारती सारी रात अस्तबल की रखवाली में क्यों लगाते ?
डाकू खड्गसिंह ने जाते-जाते उन्हें कहा था कि वह सुलतान को उनके पास से चुरा ले जाएगा । इससे बाबा भारती डर गए थे। उन्हें नींद नहीं आती थी, हर समय खड्गसिंह का भय लगा रहता। इसलिए वह सारी रात अस्तबल की रखवाली करते।
2) बाबा भारती ने घोड़ा क्यों रोक लिया?
बाबा भारती संध्या के समय सुलतान की पीठ पर सवार होकर उसे टहलाने ले जा रहे थे। इतने में एक ओर से आवाज आई, “ओ बाबा! इस कँगले की सुनते जाना ।” आवाज में करुणा थी। उसे सुनकर बाबा भारती ने अपना घोड़ा रोक लिया।
3) अपाहिज व्यक्ति को क्या सहायता चाहिए थी?
अपाहिज व्यक्ति को रामावाला जाना था, जो तीन मील दूर था। अपाहिज होने के कारण उसके लिए इतनी दूर चलना बड़ा कठिन था। इसलिए, वह बाबा भारती के घोड़े पर चढ़कर जाना चाहता था।
4) बाबा भारती के मुँह से सीख क्यों निकल पड़ी?
बाबा भारती ने अपाहिज को घोड़े पर सवार किया और स्वयं उसकी लगाम पकड़कर धीरे-धीरे चलने लगे। सहसा उन्हें एक झटका सा लगा और लगाम हाथ से छूट गई। अपाहिज घोड़े की पीठ पर तेजी से बैठा था और घोड़े को दौड़ाए जा रहा था। वह अपाहिज डाकू खड्गसिंह था जिसने बाबा भारती के घोड़े को चुरा लिया था । इसलिए उनके मुँह से चीख निकल गई।