क) अच्छा हुआ, मुझे पता तो चल गया कि मैं वास्तव में राजा ही नहीं, मनुष्य भी हूं।
राजा कहाँ भटक गया था?
उत्तर: राजा जंगल में शिकार खेलने के लिए आया था और वहाँ राह भूल कर भटक गया।
राजा को आश्चर्य क्यों हुआ?
उत्तर: राजा को इस बात से आश्चर्य हुआ कि अंधेरा बिना उसकी परवाह किए बढ़ता ही जा रहा था।
राजा की मुलाकात जंगल में किससे हुई?
उत्तर: राजा की मुलाकात जंगल में वनरक्षक पुंडरीक से हुई।
वनरक्षक को राजा पर क्या संदेह था?
उत्तर: वनरक्षक को संदेह था कि जिस व्यक्ति से उसकी मुलाक़ात हुई है उसने राजा के हिरण को गोली मारी है।
ख) अगर तुम शिकार को निकले थे, तो तुम्हारा घोड़ा कहां है?
यह प्रश्न किसने पूछा?
उत्तर: यह प्रश्न वनरक्षक पुंडरीक ने जंगल में भटके हुए राजा से पूछा। पुंडरीक नहीं जानता था कि वह राजा है।
राजा ने पुंडरीक को अपना परिचय क्यों नहीं दिया?
उत्तर: राजा मनुष्य होने का लाभ लेना चाहता था और कुछ समय के लिए राजापन के ढोंग से बाहर आना चाहता था, इसलिए उसने पुंडरीक को अपना परिचय नहीं दिया।
पुंडरीक की झोपड़ी में रहने के बदले राजा ने उसे क्या दिया?
उत्तर: पुंडरीक की झोपड़ी में रहने के बदले राजा ने उसे ₹1 इनाम दिया और साथ में वादा किया कि सवेरे जो कुछ भी पुंडरीक चाहेगा, वह उसे देगा।
वनरक्षक राजा से प्रेम भाव क्यों नहीं दिखा रहा था?
उत्तर: वनरक्षक नहीं जानता था कि जिस व्यक्ति से वह मिला है वह राजा है। उसे उसकी सच्चाई पर संदेह था, इसलिए वह उसे प्रेम भाव नहीं दिखा सकता था।
ग) “महाराज, पुरस्कार कैसा? मैंने तो मात्र अपना कर्तव्य निभाया है।”
जंगल से राजधानी कितनी दूर थी?
उत्तर: जंगल से राजधानी लगभग 10 मील अर्थात 16 किलोमीटर दूर थी।
राजा ने अपनी तलवार क्यों निकाली?
उत्तर: राजा ने अपनी तलवार पुंडरीक को इनाम में देने के लिए निकाली।
तलवार के अलावा पुंडरीक को इनाम में और क्या मिला?
उत्तर: तलवार के अलावा पुंडरीक को ₹1000 सालाना का पुरस्कार जीवन भर के लिए मिला, साथ ही उसे राजरत्न की उपाधि दी।
राजा के तलवार निकालने पर वनरक्षक ने उनसे क्या प्रार्थना की?
उत्तर: राजा के तलवार निकालने पर वनरक्षक डर गया और उसने राजा से प्रार्थना की कि वह अपने सेवक का वध न करें क्योंकि उसने ईमानदारी से अपने कर्तव्य का पालन किया है।
Very helpful for studying…. It is very thoughtful of Sir Sudhir.