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एक टोकरी भर मिट्टी

मेरी समझ से

(क)निम्नलिखित प्रश्नों के उपयुक्त उत्तर के सम्मुख तारा (★)बनाइए। कुछ प्रश्नों के एक से अधिक उत्तर भी हो सकते हैं।
प्रश्न (1) ज़मींदार को झोंपड़ी हटाने की आवश्यकता क्यों लगी?

  • झोंपड़ी जर्जर हो चुकी थी
  • झोंपड़ी रास्ते में बाधा थी
  • वह अहाते का विस्तार करना चाहता था (★)
  • वृद्धा से उसका कोई पुराना झगड़ा था

उत्तर:ज़मींदार को झोंपड़ी हटानेकी आवश्यकता इसलिए लगी क्योंकि वहअहाते का विस्तार करना चाहता था।

प्रश्न (2) वृद्धा ने मिट्टी ले जाने की अनुमति कैसे माँगी?

  • क्रोध और झगड़ा करके
  • अदालत से अनुमति लेकर
  • विनती और नम्रता से (★)
  • चुपचाप उठाकर ले गई

उत्तर:वृद्धा ने मिट्टी लेजाने की अनुमति विनतीऔर नम्रता से माँगी।

मिलकर करें मिलान

प्रश्न: (क) पाठ में से चुनकर कुछ वाक्य नीचे दिए गए हैं। प्रत्येक वाक्य के सामने दो-दो निष्कर्ष दिए गए हैं। अपने समूह में इन पर चर्चा कीजिए और इन्हें इनके सर्वाधिक उपयुक्त निष्कर्षों से मिलाइए।

क्रम वाक्य निष्कर्ष
1. अब यही उसकी पोती इस वृद्धाकाल में एकमात्र आधार थी। वृद्धावस्था में वृद्धा का सहारा उसकी पोती ही थी।
2. बाल की खाल निकालने वाले वकीलों की थैली गरम कर उन्होंने अदालत से उस झोंपड़ी पर अपना कब्जा कर लिया। ज़मींदार ने वकीलों को पैसे देकर कानूनी दावपेंच से झोंपड़ी पर कब्जा किया।
3. आपसे एक टोकरी भर मिट्टी नहीं उठाई जाती और इस झोंपड़ी में तो हजारों टोकरियाँ मिट्टी पड़ी है। वृद्धा ने टोकरी को प्रतीक बनाकर ज़मींदार को उसके अन्याय का अनुभव कराया।
4. ज़मींदार साहब धन-मद से गर्वित हो अपना कर्तव्य भूल गए थे। धन और अहंकार ने ज़मींदार को मानवीयता और करुणा से दूर कर दिया था।
5. कृतकर्म का पश्चाताप कर उन्होंने वृद्धा से क्षमा माँगी। अपने द्वारा किए अन्याय पर पछताकर ज़मींदार ने क्षमा माँगी।
6. उसका भार आप जन्म-भर कैसे उठा सकेंगे? वृद्धा ने प्रतीकात्मक रूप से कहा कि अन्याय का नैतिक भार उठाना आसान नहीं है।
7. कृपा करके इस टोकरी को ज़रा हाथ लगाइए जिससे कि मैं उसे अपने सिर पर धर लूँ। वृद्धा ने चतुराई से ज़मींदार को शर्मिंदा करने की योजना बनाई।
8. उसे पुरानी बातों का स्मरण हुआ और उसकी आँखों से आँसू की धारा बहने लगी। झोंपड़ी में प्रवेश करते ही वृद्धा पुराने दिनों के कारण भावुक हो गई।

पंक्तियों पर चर्चा

प्रश्न (क): “आपसे एक टोकरी भर मिट्टी नहीं उठाई जाती और इस झोंपड़ी में तो हजारों टोकरियाँ मिट्टी पड़ी है। उसका भार आप जन्म-भर कैसे उठा सकेंगे?”

उत्तर:इन पंक्तियों का अर्थ हैकि वृद्धा ज़मींदार को समझा रहीथी कि जब उससेमिट्टी की एक छोटीसी टोकरी का वज़न नहींउठाया जा रहा है,तो उसने जो अन्यायकरके पूरी झोंपड़ी (जिसमेंहज़ारों टोकरियाँ मिट्टी है) छीनी है,उस पाप का भारीबोझ वह अपनी ज़िंदगीभर कैसे उठा पाएगा।

प्रश्न (ख): “ज़मींदार साहब पहले तो बहुत नाराज हुए, पर जब वह बार-बार हाथ जोड़ने लगी और पैरों पर गिरने लगी तो उनके भी मन में कुछ दया आ गई। किसी नौकर से न कहकर आप ही स्वयं टोकरी उठाने को आगे बढ़े। ज्यों ही टोकरी को हाथ लगाकर ऊपर उठाने लगे त्यों ही देखा कि यह काम उनकी शक्ति के बाहर है।”

उत्तर:इन पंक्तियों का अर्थ हैकि ज़मींदार पहले तो गुस्साहुआ, लेकिन वृद्धा के बार-बारविनती करने पर उसेदया आ गई।उसने खुद टोकरी उठानेकी कोशिश की, लेकिन वहटोकरी इतनी भारी थीकि वह उसे हिलाभी नहीं सका।

सोच-विचार के लिए

प्रश्न (क): आपके विचार से कहानी का सबसे प्रभावशाली पात्र कौन है और क्यों?

उत्तर:मेरे विचार से कहानी कीसबसे प्रभावशाली पात्र वृद्धा (बुढ़िया) है। वह गरीबऔर बेसहारा होने के बादभी बहुत समझदार औरसाहसी थी। उसने ज़मींदारके घमंड को तोड़नेके लिए न तोलड़ाई की और नही गुस्सा दिखाया, बल्कि अपनी चतुराई औरमीठी बोली से उसेअपनी गलती का एहसासकरा दिया।

प्रश्न (ख): वृद्धा की पोती ने खाना क्यों छोड़ दिया था?

उत्तर:वृद्धा की पोती नेखाना इसलिए छोड़ दिया थाक्योंकि उसकी झोंपड़ी उससेछिन गई थी। उसेअपनी झोंपड़ी से बहुत प्यारथा और वह ज़िदकर रही थी किवह “अपने घर चलकरवहीं रोटी खाएगी”।

प्रश्न (ग): ज़मींदार ने झोंपड़ी पर कब्जा कैसे किया?

उत्तर:ज़मींदार ने “बाल की खालनिकालने वाले वकीलों कीथैली गरम कर” (यानीवकीलों को रिश्वत देकर)अदालत से कानूनी दाँव-पेंच लगाकर झोंपड़ीपर कब्ज़ा कर लिया था।

प्रश्न (घ): “महाराज क्षमा करें तो एक विनती है। ज़मींदार साहब के सिर हिलाने पर उसने कहा…”। यहाँ ज़मींदार द्वारा सिर हिलाने की इस क्रिया का क्या अर्थ है?

उत्तर:यहाँ ज़मींदार द्वारा सिर हिलाने काअर्थ है कि उसनेवृद्धा को अपनी बातकहने की अनुमति (आज्ञा)दे दी।

प्रश्न (ङ): किसी नौकर से न कहकर आप ही स्वयं टोकरी उठाने आगे बढ़े।” यहाँ ज़मींदार के व्यवहार में परिवर्तन का आरंभ दिखाई देता है। पहले ज़मींदार का व्यवहार कैसा था? इस घटना के बाद उसके व्यवहार में क्या परिवर्तन आया?

उत्तर:

पहले का व्यवहार: पहले ज़मींदार का व्यवहार बहुत कठोर, लालची और घमंडी था। उसने अपनी ताकत का गलत इस्तेमाल करके वृद्धा को झोंपड़ी से निकाल दिया था।

बाद में परिवर्तन: वृद्धा के बार-बार पैरों पर गिरने से उसके मन में दया आ गई। वह खुद टोकरी उठाने को तैयार हो गया, जो उसके घमंड के कम होने को दिखाता है।

प्रश्न (च): “उन्होंने वृद्धा से क्षमा माँगी और उसकी झोंपड़ी वापस दे दी।” ज़मींदार ने ऐसा क्यों किया?

उत्तर:ज़मींदार ने ऐसा इसलिएकिया क्योंकि वृद्धा की बातों (किआप इस पाप काभार कैसे उठाएँगे?) कोसुनकर उसकी आँखें खुलगईं। उसे अपनीगलती और अन्याय काएहसास हो गया। उसेअपने किए पर पछतावाहुआ, इसलिए उसने क्षमा माँगीऔर झोंपड़ी वापस कर दी।

अनुमान और कल्पना से

प्रश्न (क): यदि वृद्धा की पोती ज़मींदार से स्वयं बात करती तो वह क्या कहती?

उत्तर:यदि वृद्धा की पोती ज़मींदारसे बात करती, तोवह शायद रोते हुएकहती, “ज़मींदार अंकल, प्लीज़ हमारा घर हमें वापसदे दीजिए। वह मेरा घरहै, मुझे वहाँ बहुतअच्छा लगता है। मैंतब तक खाना नहींखाऊँगी जब तक आपमुझे मेरा घर वापसनहीं देंगे।”

प्रश्न (ख): यदि आप ज़मींदार की जगह होते तो क्या करते?

उत्तर:यदि मैं ज़मींदार कीजगह होता, तो मैं किसीगरीब और अनाथ बुढ़ियाकी झोंपड़ी कभी नहीं छीनता।अगर मुझे अपना अहाता
(बगीचा) बढ़ाना ही होता, तोमैं वृद्धा को पास मेंही रहने के लिएकोई दूसरी अच्छी जगह या घरदे देता और तबउसकी झोंपड़ी की ज़मीन लेता।

प्रश्न (ग): ज़मींदार को टोकरी उठाने में सफलता क्यों नहीं मिली होगी?

उत्तर:ज़मींदार को टोकरी उठानेमें सफलता इसलिए नहीं मिली होगीक्योंकि वृद्धा ने शायद सचमें टोकरी में बहुत ज़्यादामिट्टी भर दी थी,जो बहुत भारी थी।यह भी हो सकताहै कि लेखक यहदिखाना चाहते हों कि वहकेवल मिट्टी का वज़न नहींथा, बल्कि वह ज़मींदार केअन्याय और पाप कावज़न था, जिसे उठानाउसकी शक्ति के बाहर था।

प्रश्न (घ): “झोंपड़ी में तो हजारों टोकरियाँ मिट्टी पड़ी है…”। यहाँ केवल मिट्टी की बात की जा रही है या कुछ और बात भी छिपी है?

उत्तर:यहाँ केवल मिट्टी कीबात नहीं की जारही है। मिट्टी केबहाने वृद्धा ज़मींदार को उसके अन्यायका एहसास करा रही है।
“हजारों टोकरियाँ मिट्टी” का मतलब हैवह पाप और अधर्मजो ज़मींदार ने झोंपड़ी कोछीनकर किया है। वृद्धाकहना चाहती थी कि इसपाप का बोझ बहुतभारी है।

प्रश्न (ङ): यह कहानी आज से लगभग सवा सौ साल पहले लिखी गई थी। इस कहानी के आधार पर बताइए कि भारत में स्त्रियों को किन-किन चुनौतियों का सामना करना पड़ता होगा?

उत्तर:इस कहानी के आधार परलगता है कि उससमय भारत में स्त्रियों,खासकर गरीब और विधवास्त्रियों को बहुत सीचुनौतियों का सामना करनापड़ता होगा। जैसे:

  • वे असहाय और बेसहारा होती थीं।
  • अमीर और ताकतवर लोग (जैसे ज़मींदार) आसानी से उनकी संपत्ति (जैसे झोंपड़ी) छीन लेते थे।
  • कानून और अदालत भी पैसे वालों का साथ देते थे, जिससे उन्हें न्याय नहीं मिल पाता था।

‘कि’ और ‘की’ का उपयोग

प्रश्न:अब नीचे दिए गए वाक्यों में इन दोनों शब्दों का उपयुक्त प्रयोग कीजिए-

उत्तर:

  1. वृद्धा ने कहा कि वह झोंपड़ी को लेने नहीं आई है।
  2. वह अपनी पोती की चिंता में दुखी हो गई थी।
  3. वृद्धा ने प्रार्थना की टोकरी को ज़रा हाथ लगाइए।
  4. पोती हमेशा कहती थी कि वह अपने घर में ही खाना खाएगी।
  5. झोंपड़ी की मिट्टी से वृद्धा चूल्हा बनाना चाहती थी।
  6. उसे विश्वास था कि मिट्टी का चूल्हा देखकर पोती खाना खाने लगेगी।
  7. वृद्धा की आँखों से आँसुओं की धारा बहने लगी।
  8. उसने यह सोचा कि झोंपड़ी से मिट्टी ले जाकर चूल्हा बनाऊँगी।
  9. वृद्धा के मन की पीड़ा उसकी बातों में झलक रही थी।
  10. ज़मींदार इतने लज्जित हुए कि टोकरी उठाने की बात मान ली।
  11. उस झोंपड़ी की हर दीवार वृद्धा की यादों से भरी थी।

मुहावरे

प्रश्न (क): “बाल की खाल निकालने वाले वकीलों की थैली गरम कर उन्होंने अदालत से झोंपड़ी पर अपना कब्जा कर लिया।” इस वाक्य में मुहावरों की पहचान करके उन्हें रेखांकित कीजिए।

उत्तर: इस वाक्य में दो मुहावरेहैं:

  1. बाल की खाल निकालने वाले
  2. थैली गरम कर

प्रश्न (ख): ‘बाल’ शब्द से जुड़े निम्नलिखित मुहावरों का प्रयोग करते हुए वाक्य बनाइए।

  • बाल बाँका न होना: बस के खाई में गिरने के बाद भी यात्री का बाल बाँका न हुआ।
  • बाल बराबर: दोनों भाइयों की शक्ल में बाल बराबर भी फर्क नहीं है।
  • बाल-बाल बचना: वह तेज़ आती हुई कार से बाल-बाल बच गया।

काल

प्रश्न:नीचे दिए गए वाक्यों को वर्तमान और भविष्य काल में बदलिए-

(क)वह गिड़गिड़ाकर बोली।

  • वर्तमान काल: वह गिड़गिड़ाकर बोलती है। (या बोल रही है)
  • भविष्य काल: वह गिड़गिड़ाकर बोलेगी।

(ख)श्रीमान् ने आज्ञा दे दी।

  • वर्तमान काल: श्रीमान् आज्ञा देते हैं।
  • भविष्य काल: श्रीमान् आज्ञा देंगे।

(ग)उसकी आँखों से आँसू की धारा बहने लगी।

  • वर्तमान काल: उसकी आँखों से आँसू की धारा बह रही है।
  • भविष्य काल: उसकी आँखों से आँसू की धारा बहेगी।

(घ)ज़मींदार साहब को अपने महल का अहाता उस झोंपड़ी तक बढ़ाने की इच्छा हुई।

  • वर्तमान काल: ज़मींदार साहब को अपने महल का अहाता उस झोंपड़ी तक बढ़ाने की इच्छा होती है।
  • भविष्य काल: ज़मींदार साहब को अपने महल का अहाता उस झोंपड़ी तक बढ़ाने की इच्छा होगी।

(ङ)उन्होंने वृद्धा से क्षमा माँगी और उसकी झोंपड़ी वापस दे दी।

  • वर्तमान काल: वे वृद्धा से क्षमा माँगते हैं और उसकी झोंपड़ी वापस दे देते हैं।
  • भविष्य काल: वे वृद्धा से क्षमा माँगेंगे और उसकी झोंपड़ी वापस दे देंगे।

वचन की पहचान

प्रश्न:नीचे दिए गए रिक्त स्थानों में उपयुक्त शब्द भरिए-

(क)वृद्धा झोंपड़ी के भीतर गई।
(ख)वृद्धा गिड़गिड़ाकर बोली।
(ग)पोती ने खाना-पीनाछोड़ दिया है।
(घ)उसकी आँखों से आँसू कीधारा बहने लगी थी।
(ङ)उसने अपनी टोकरी मिट्टीसे भर ली औरबाहर ले आई।
(च)झोंपड़ी में बसी पुरानीयादें वृद्धा को रुला गईं।
(छ)पाठक देख सकते हैंकि कैसे एक छोटी-सी टोकरी नेबड़े बदलाव ला दिए हैं।

कहानी की रचना

प्रश्न (ख): इस कहानी की कुछ विशेषताओं को नीचे दिया गया है। इनके उदाहरण कहानी से चुनकर लिखिए-

कहानी की विशेषताएँ कहानी से उदाहरण
1. प्रश्नोत्तरी शैली “उसका भार आप जन्म-भर कैसे उठा सकेंगे? आप ही इस बात पर विचार कीजिए।”
2. वर्णनात्मकता “उसका प्रिय पति और इकलौता पुत्र भी उसी झोंपड़ी में मर गया था। पतोहू भी एक पाँच बरस की कन्या को छोड़कर चल बसी थी।”
3. भावात्मकता “वहाँ जाते ही उसे पुरानी बातों का स्मरण हुआ और उसकी आँखों से आँसू की धारा बहने लगी।”
4. संवादात्मकता “महाराज कृपा करके आज्ञा दीजिए तो इस टोकरी में मिट्टी ले जाऊँ!” श्रीमान् ने आज्ञा दे दी।
5. नाटकीयता “ज्यों ही टोकरी को हाथ लगाकर ऊपर उठाने लगे त्यों ही देखा कि यह काम उनकी शक्ति के बाहर है।”
6. चरित्र चित्रण “ज़मींदार साहब धन-मद से गर्वित हो अपना कर्तव्य भूल गए थे…”

शब्दकोश का उपयोग

प्रश्न:इन शब्दों के जो अर्थ इस कहानी के अनुसार सबसे उपयुक्त हैं, उन पर घेरा (या बोल्ड) बनाइए-

श्रीमान् के सब प्रयत्न निष्फल हुए।
अर्थ: धनी, शोभायुक्त, शोभावान्, संपत्तिशाली, संपन्न, पुरुषों के नाम के पूर्व आदर सूचनार्थ लगाया जाने वाला शब्द

पतोहू भी एक पाँच बरस की कन्या को छोड़कर चल बसी थी।
अर्थ: अविवाहित लड़की, एक राशि का नाम, लड़की, बड़ी इलायची।

ज़मींदार साहब को अपने महल का अहाता उस झोंपड़ी तक बढ़ाने की इच्छा हुई।
अर्थ: राजा या रईस आदि के रहने का बहुत बड़ा और बढ़िया मकान, प्रासाद, अंतःपुर, पत्नी, उतरने की जगह।

वह तो कई ज़माने से वहीं बसी थी।
अर्थ: काल, बहुत अधिक समय, सौभाग्य का समय, संसार, जगत, राज्यकाल, अवधि, युग, कार्यकाल, विलंब, देर, अतिकाल।

यही उसकी पोती इस वृद्धाकाल में एकमात्र आधार थी।
अर्थ: सहारा, आलंबन, पात्र (नाटक), नींव, बाँध, नहर, संबंध, बरतन, परिस्थितियाँ, अधिष्ठान, आश्रय देनेवाला, पालन करनेवाला।

भावों की पहचान

प्रश्न:अब नीचे दी गई पंक्तियों में प्रकट हो रहे भावों से उनका मिलान कीजिए-

क्रम पंक्तियाँ भाववाचक संज्ञा
1. वह लज्जित होकर कहने लगे- ‘नहीं, यह टोकरी हमसे न उठाई जाएगी।’ लज्जा/पछतावा
2. वृद्धा के उपर्युक्त वचन सुनते ही उनकी आँखें खुल गईं। बोध / आत्मज्ञान
3. उनके मन में कुछ दया आ गई। करुणा/दया
4. इससे भरोसा है कि वह रोटी खाने लगेगी। आस्था / विश्वास
5. महाराज क्षमा करें तो एक विनती है। विनय / विनम्रता
6. अब यही उसकी पोती इस वृद्धाकाल में एकमात्र आधार थी ममता / स्नेह
7. ज़मींदार साहब धन-मद से गर्वित हो अपना कर्तव्य भूल गए थे। अहंकार / घमंड
8. उस झोंपड़ी में उसका मन ऐसा कुछ लग गया था कि बिना मरे वहाँ से वह निकलना ही नहीं चाहती थी। जुड़ाव/मोह
9. जब उसे अपनी पूर्वस्थिति की याद आ जाती तो मारे दुख के फूट-फूट कर रोने लगती थी। दुख / पीड़ा
10. बाल की खाल निकालने वाले वकीलों की थैली गरम कर उन्होंने अदालत से झोंपड़ी पर अपना कब्जा कर लिया। क्रूरता/अन्याय

वाक्य विस्तार

प्रश्न:अब इसी प्रकार नीचे दिए गए वाक्यों का कहानी को ध्यान में रखते हुए विस्तार कीजिए।

एक झोंपड़ी थी।

विस्तार: ज़मींदार के बड़े से महल के पास ही एक गरीब, अनाथ वृद्धा की छोटी सी झोंपड़ी थी, जिसमें उसकी कई पीढ़ियाँ रह चुकी थीं।

श्रीमान् टहल रहे थे।

विस्तार: वृद्धा को झोंपड़ी से निकालने के बाद, एक दिन श्रीमान् ज़मींदार घमंड में चूर होकर झोंपड़ी के आस-पास टहल रहे थे और मजदूरों को काम बता रहे थे।

वह खाने लगेगी।

विस्तार: वृद्धा को पक्का भरोसा था कि जब वह झोंपड़ी की मिट्टी से चूल्हा बनाकर रोटी पकाएगी, तो उसकी पोती अपना हठ छोड़ देगी और रोटी खाने लगेगी।

वृद्धा भीतर गई।

विस्तार: ज़मींदार की आज्ञा मिलते ही, वृद्धा अपनी पुरानी झोंपड़ी के भीतर गई, जहाँ जाते ही उसे अपने मरे हुए पति और बेटे की याद आ गई।

आगे बढ़े।

विस्तार: जब वृद्धा बार-बार पैरों पर गिरकर विनती करने लगी, तो ज़मींदार के मन में दया आ गई और वह नौकर को न बोलकर खुद टोकरी उठाने के लिए आगे बढ़े।

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