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chap 3 : एक आशीर्वाद

मेरी समझ से

प्रश्न 1. कविता में किसे संबोधित किया गया है?

  • युवा वर्ग को
  • नागरिकों को
  • बच्चों को
  • श्रमिकों को

उत्तर: कविता में युवा वर्ग को और बच्चों को संबोधित किया गया है। कवि उन्हें आगे बढ़ने और अपने सपने पूरे करने का आशीर्वाद दे रहे हैं।

प्रश्न 2. “तेरे स्वप्न बड़े हों” पंक्ति में ‘स्वप्न’ से क्या आशय है?

  • कल्पना की उड़ान भरना
  • आकांक्षाएँ और रुचियाँ रखना
  • बहुत-सी उपलब्धियाँ पाना
  • बड़े लक्ष्य निर्धारित करना

उत्तर: इस पंक्ति में ‘स्वप्न’ से आशय है आकांक्षाएँ और रुचियाँ रखना तथा बड़े लक्ष्य निर्धारित करना

प्रश्न 3. “उँगली जलाएँ” पंक्ति में उँगली जलाने का भाव है-

  • चुनौतियों को स्वीकार करना
  • प्रकाश का प्रसार करना
  • अग्नि के ताप का अनुभव करना
  • कष्टों से नहीं घबराना

उत्तर: “उँगली जलाएँ” पंक्ति का भाव है चुनौतियों को स्वीकार करना और कष्टों से नहीं घबराना। इसका अर्थ है कि अनुभव से सीखना, भले ही उसके लिए थोड़ी तकलीफ उठानी पड़े।

प्रश्न 4. “अपने पाँवों पर खड़े हों” पंक्ति से क्या आशय है?

  • अपने पैरों पर खड़े होना
  • सफलता प्राप्त करना
  • कठिनाइयों का सामना करना
  • आत्मनिर्भर होना

उत्तर: “अपने पाँवों पर खड़े हों” पंक्ति से आशय आत्मनिर्भर होना है।

मिलकर करें मिलान

प्रश्न: पंक्तियों को उनके सही भाव अथवा संदर्भों से मिलाइए।

स्तंभ 1 (पंक्तियाँ) स्तंभ 2 (भाव/संदर्भ)
1. भावना की गोद से उतरकर जल्द पृथ्वी पर चलना सीखें भावनाओं में न बहकर वास्तविकता का सामना करना
2. हर दीये की रोशनी देखकर ललचाएँ विविध ज्ञान के प्रति आकृष्ट होना और उसे पाने की ललक होना
3. चाँद-तारों-सी अप्राप्य सच्चाइयों के लिए रूठना-मचलना सीखें असंभव से लगने वाले लक्ष्यों के लिए हठ और प्रयास करना
4. हँसें/मुसकराएँ/गाएँ सपनों को आनंद और मुस्कुराहटों में बदलें। कठिन परिस्थितियों में भी मनोबल बनाए रखें।

 

पंक्तियों पर चर्चा

प्रश्न (क): “जा, तेरे स्वप्न बड़े हों”

उत्तर: इस पंक्ति का अर्थ है कि कवि आशीर्वाद दे रहे हैं कि तुम्हारे जीवन के लक्ष्य ऊँचे हों और तुम्हारी आकांक्षाएँ बड़ी हों। तुम साधारण नहीं, बल्कि कुछ महान हासिल करने के सपने देखो।

प्रश्न (ख): “जल्द पृथ्वी पर चलना सीखें”

उत्तर: इस पंक्ति का अर्थ है कि केवल कल्पनाओं और भावनाओं में नहीं रहना चाहिए, बल्कि जल्दी से जल्दी यथार्थ और वास्तविकता की दुनिया को समझना और उसका सामना करना सीखना चाहिए।

प्रश्न (ग): “चाँद-तारों-सी अप्राप्य सच्चाइयों के लिए रूठना-मचलना सीखें”

उत्तर: इस पंक्ति का अर्थ है कि जो लक्ष्य बहुत मुश्किल या असंभव लगते हैं (जैसे चाँद-तारे पाना), उन्हें हासिल करने के लिए बच्चों की तरह ज़िद करना और कड़ी मेहनत करना सीखना चाहिए।

अनुमान और कल्पना से

प्रश्न (क): कविता में सपनों के बड़े होने की बात की गई है। आपके अनुसार बड़े सपने कौन-कौन से हो सकते हैं और क्यों?

उत्तर: मेरे अनुसार बड़े सपने हो सकते हैं:

  • एक अच्छा वैज्ञानिक बनना: ताकि मैं देश के लिए नई-नई खोज कर सकूँ।
  • एक ईमानदार डॉक्टर बनना: ताकि मैं गरीबों और जरूरतमंदों का इलाज कर सकूँ।
  • एक सैनिक बनना: ताकि मैं अपने देश की रक्षा कर सकूँ। ये सपने इसलिए बड़े हैं क्योंकि ये सिर्फ अपने लिए नहीं, बल्कि पूरे समाज और देश की भलाई के लिए हैं।

प्रश्न (ख): हर दीये की रोशनी देखकर ललचाएँ/उँगली जलाएँ” पंक्ति में सपनों और लक्ष्यों को पूरा करने के लिए ललक की बात की गई है। ललक के साथ और क्या-क्या होना आवश्यक है और क्यों?

उत्तर: सपनों को पूरा करने के लिए ललक (इच्छा) के साथ-साथ ये चीजें भी आवश्यक हैं:

  • योजना: हमें यह योजना बनानी चाहिए कि हम अपने लक्ष्य तक कैसे पहुँचेंगे। बिना योजना के मेहनत व्यर्थ जा सकती है।
  • प्रयास और मेहनत: सिर्फ सोचने से सपने पूरे नहीं होते, उनके लिए लगातार परिश्रम करना बहुत ज़रूरी है।
  • धैर्य: सफलता मिलने में समय लग सकता है, इसलिए हमें धैर्य रखना चाहिए और हार नहीं माननी चाहिए।

प्रश्न (ग): कल्पना कीजिए कि आपका सपना ही आपका मित्र है। आपको उससे बातचीत करनी हो तो क्या बात करेंगे?

उत्तर: अगर मेरा सपना मेरा मित्र होता, तो मैं उससे कहता, “प्रिय मित्र, तुम मुझसे कभी दूर मत जाना। मैं तुम्हें पूरा करने के लिए हर दिन मेहनत करूँगा। तुम मुझे रास्ता दिखाते रहना और जब मैं थक जाऊँ तो मेरा हौसला बढ़ाना। हम दोनों मिलकर एक दिन ज़रूर सफल होंगे।”

प्रश्न (घ): यदि आप किसी को आशीर्वाद देना चाहते हों तो आप किसे और क्या आशीर्वाद देंगे और क्यों?

उत्तर: मैं अपने छोटे भाई को आशीर्वाद देना चाहूँगा। मैं उसे आशीर्वाद दूँगा कि “तुम हमेशा खुश रहो, स्वस्थ रहो और जीवन में एक अच्छे और सफल इंसान बनो।” मैं यह आशीर्वाद इसलिए दूँगा क्योंकि मैं उससे बहुत प्यार करता हूँ और चाहता हूँ कि वह जीवन में हमेशा आगे बढ़े।

कविता का शीर्षक

प्रश्न: इस कविता का शीर्षक ‘एक आशीर्वाद’ है जो कविता में कहीं भी प्रयुक्त नहीं हुआ है। यदि इस कविता की ही किसी पंक्ति या शब्द को कविता का शीर्षक बनाना हो तो आप कौन-सी पंक्ति या शब्द चुनेंगे और क्यों?

उत्तर: यदि मुझे इस कविता की किसी पंक्ति को शीर्षक बनाना हो, तो मैं “तेरे स्वप्न बड़े हों” को चुनूँगा। मैं इसे इसलिए चुनूँगा क्योंकि यह पूरी कविता का सार है। पूरी कविता इसी एक इच्छा या आशीर्वाद के इर्द-गिर्द घूमती है कि युवा पीढ़ी बड़े लक्ष्य रखे और उन्हें हासिल करे।

भाषा की बात

प्रश्न (क): नीचे दिए गए रिक्त स्थानों में ‘स्वप्न’ से जुड़े शब्द अपने समूह में चर्चा करके लिखिए-

उत्तर: स्वप्न से जुड़े शब्द हैं:

  • लक्ष्य
  • कल्पना
  • आकांक्षा
  • सपना
  • उड़ान
  • इच्छा

प्रश्न (ख): उन शब्दों पर घेरा बनाइए जो समान अर्थ न देते हों-

उत्तर:

  • पृथ्वी: धरा, वसुधा, अवनि, सुता (सुता का अर्थ बेटी है)
  • चाँद: मधुकर, शशि, निशाकर, मयंक (मधुकर का अर्थ भौंरा है)
  • तारे: नक्षत्र, सोम, तारक, उडुगण (सोम का अर्थ चंद्रमा है)
  • रोशनी: प्रकाश, लालिमा, उजाला, आलोक (लालिमा का अर्थ लाल रंग है)
  • स्वप्न: सपना, इच्छा, यथार्थ, कल्पना (यथार्थ का अर्थ वास्तविकता है)
  • दीया: दीन, ज्योति, दीपक, प्रदीप (दीन का अर्थ गरीब है)

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