रक्षाबंधन

रक्षाबंधन भारत का एक पवित्र पर्व है जो भाई-बहन के निर्मल स्नेह और विश्वास का प्रतीक माना जाता है। इस दिन बहन अपने भाई की कलाई पर राखी बाँधती है, और भाई उसकी रक्षा का वचन देता है। सदियों से यह त्योहार पारिवारिक प्रेम को प्रगाढ़ करता आ रहा है। प्राचीन कथाओं से लेकर आधुनिक … Read more

प्रदूषण

प्रदूषण आज की दुनिया में उभरती उन चुनौतियों में से एक है, जो हमारे अस्तित्व को प्रत्यक्ष रूप से प्रभावित कर रही हैं। बढ़ती जनसंख्या, अनियंत्रित औद्योगिकीकरण और तेज़ी से बदलती जीवनशैली ने पर्यावरण को ऐसा नुकसान पहुँचाया है जिसकी भरपाई करना अत्यंत कठिन होता जा रहा है। वायु, जल, भूमि—तीनों ही स्तरों पर प्रदूषण … Read more

मेरा गाँव

मेरा गाँव प्रकृति की गोद में बसा एक शांत और सुरम्य स्थान है। यहाँ की मिट्टी में एक सौंधी महक है, जो कभी न भूलने वाली यादें छोड़ जाती है। गाँव की गलियों में सादगी और अपनापन दिखाई देता है, जहाँ हर कोई एक-दूसरे को नाम से जानता है। सुबह-सुबह पक्षियों की चहचहाहट और हल्की … Read more

पेड़ की आत्मकथा

मैं एक पेड़ हूँ, जो बरसों से धरती की छाया बना हुआ हूँ। मेरा तना मज़बूत है और मेरी जड़ें धरती के भीतर गहराई तक फैली हुई हैं। दिन-रात मैं मौसमों की मार सहता हूँ, कभी तेज़ धूप मुझे जलाती है, तो कभी मूसलाधार बारिश मुझे भिगो देती है। फिर भी मुझे कोई शिकायत नहीं, … Read more

राखी का मूल्य

1) कर्णावती : बड़ा कठिन प्रसंग है। इस समय मेरे स्वामी नहीं हैं। नहीं तो उनके रहते मेवाड़ की ओर आँख उठाने का किसमें साहस था? क) कर्णावती क्यों चिंतित हैं? उत्तर: कर्णावती अपने पति महाराणा साँगा की अनुपस्थिति में मेवाड़ की सुरक्षा को लेकर अत्यंत चिंतित हैं। उन्हें लगता है कि उनके पति के … Read more

सोना

क) सोना अचानक आई थी, परंतु वह तब तक अपनी शैशव अवस्था भी पार नहीं कर सकी थी। 1) सोना कैसी दिखती थी? उत्तर: सोना का कोमल और लघु शरीर सुनहरे रेशमी लच्छों की गाँठ के समान था। उसका छोटा-सा मुँह और बड़ी-बड़ी आँखें थीं, जिन्हें देखकर ऐसा लगता था कि वे अभी छलक पड़ेंगी। … Read more

आप अपने परिवार के साथ किसी एक प्रदर्शनी (Exhibition )को देखने गए थे | वहाँ पर आपने क्या -क्या देखा? वहाँ कौन – कौन सी चीजों ने आकर्षित किया? जीवन में उनकी क्या उपयोगिता है? अपना अनुभव बताते हुए अपने प्रिय मित्र को पत्र लिखिए |

अनिल शर्मा, गाँवदेवी रोड, दादर पश्चिम, मुंबई – ४२ दिनांक : …………………….. प्रिय मित्र रमेश, सप्रेम नमस्कार। मैं यहाँ कुशल मंगल से हूँ और आशा करता हूँ कि तुम भी अपने परिवार के साथ कुशल होगे। काफी दिनों से तुम्हारा कोई पत्र नहीं मिला, उम्मीद है सब ठीक होगा। पिछले रविवार को मैं अपने परिवार … Read more

पेड़ -पौधे की देखभाल करने की प्रेरणा देते हुए अनुज को पत्र लिखिए |

अनिल शर्मा, गाँवदेवी रोड, दादर पश्चिम, मुंबई – ४२ दिनांक : …………………….. प्रिय अनुज विनोद, सस्नेह आशीर्वाद। मैं यहाँ कुशल मंगल से हूँ और आशा करता हूँ कि तुम भी हॉस्टल में स्वस्थ और खुश होगे। माँ-पिताजी भी कुशल हैं और तुम्हें बहुत याद करते हैं। तुम्हारा पत्र मिला, जिसमें तुमने हॉस्टल जीवन के बारे … Read more

अपने छोटे भाई को प्रात : भ्रमण के लाभ बताते हुए एक पत्र लिखिए |

अनिल शर्मा, गाँवदेवी रोड, दादर पश्चिम, मुंबई – ४२ दिनांक : …………………….. प्रिय अनुज विनोद, सस्नेह आशीर्वाद। मैं यहाँ कुशल मंगल से हूँ और आशा करता हूँ कि तुम भी कुशल होगे। तुम्हारा पत्र मिला, जिसमें तुमने अपनी दिनचर्या के बारे में विस्तार से बताया। मुझे यह जानकर ख़ुशी हुई कि तुम नियमित रूप से … Read more

आप अपने मामा जी के घर गए हैं, वहाँ का हाल बताते हुए अपनी माताजी को पत्र लिखिए |

अनिल शर्मा, गाँवदेवी रोड, दादर पश्चिम, मुंबई – ४२ दिनांक : …………………….. आदरणीय माताजी, सादर प्रणाम। यहाँ मामा जी के घर पर मैं बिलकुल ठीक हूँ और आशा करता हूँ कि आप और पिताजी भी घर पर स्वस्थ और कुशल मंगल होंगे। ट्रेन यात्रा थोड़ी थका देने वाली थी, पर मामा जी के घर पहुँचते … Read more

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