मैं नदी हूँ ।
मैं एक नदी हूँ। मेरा जन्म ऊँचे-ऊँचे बर्फीले पहाड़ों की गोद में हुआ है। सूरज की सुनहरी किरणें जब बर्फ पर पड़ती हैं, तो बर्फ पिघलकर पानी की नन्ही-नन्ही बूँदों में बदल जाती है। इन्हीं बूँदों से मिलकर मेरा जन्म होता है। शुरुआत में मैं एक पतली सी धारा होती हूँ, शरारती और चंचल। पहाड़ों … Read more