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Chap 5 : कबीर के दोहे

मेरी समझ से प्रश्न (2) “अति का भला न बोलना अति का भला न चूप। अति का भला न बरसना अति की भली न धूप।।” इस दोहे का मूल संदेश क्या है? हमेशा चुप रहने में ही हमारी भलाई है बारिश और धूप से बचना चाहिए हर परिस्थिति में संतुलन होना आवश्यक है हमेशा मधुर … Read more

chap 3 : एक आशीर्वाद

मेरी समझ से प्रश्न 1. कविता में किसे संबोधित किया गया है? युवा वर्ग को नागरिकों को बच्चों को श्रमिकों को उत्तर: कविता में युवा वर्ग को और बच्चों को संबोधित किया गया है। कवि उन्हें आगे बढ़ने और अपने सपने पूरे करने का आशीर्वाद दे रहे हैं। प्रश्न 2. “तेरे स्वप्न बड़े हों” पंक्ति … Read more

Chap 2 : दो गौरैया

मेरी समझ से (क) निम्नलिखित प्रश्नों के उपयुक्त उत्तर के सम्मुख सही का निशान (✓) बनाइए। प्रश्न (1) पिताजी ने कहा कि घर सराय बना हुआ है क्योंकि- घर की बनावट सराय जैसी बहुत विशाल है घर में विभिन्न पक्षी और जीव-जंतु रहते हैं पिताजी और माँ घर के मालिक नहीं हैं घर में विभिन्न … Read more

Chap 1 : स्वदेश

मेरी समझ से प्रश्न 1. “वह हृदय नहीं है पत्थर है” इस पंक्ति में हृदय के पत्थर होने से तात्पर्य है- सामाजिकता से संवेदनहीनता से कठोरता से नैतिकता से उत्तर: इस पंक्ति में हृदय के पत्थर होने से तात्पर्य संवेदनहीनता और कठोरता से है। इसका अर्थ है कि जिस व्यक्ति के मन में अपने देश … Read more

हरिद्वार

मेरी समझ से (पृष्ठ 49) (क) निम्नलिखित प्रश्नों के उपयुक्त उत्तर के सम्मुख तारा (*) बनाइए। “सज्जन ऐसे कि पत्थर मारने से फल देते हैं” का क्या अर्थ है? लेखक के अनुसार सज्जन लोग बिना पूछे स्वादिष्ट रसीले फल देते हैं। लेखक फलदार वृक्षों की उदारता को मानवीय रूप में व्यक्त कर रहे हैं।* लेखक … Read more