अनिल शर्मा,
गाँवदेवी रोड,
दादर पश्चिम,
मुंबई – ४२
दिनांक : ……………………..
प्रिय अनुज विनोद,
सस्नेह आशीर्वाद।
मैं यहाँ कुशल मंगल से हूँ और आशा करता हूँ कि तुम भी कुशल होगे। तुम्हारा पत्र मिला, जिसमें तुमने अपनी दिनचर्या के बारे में विस्तार से बताया। मुझे यह जानकर ख़ुशी हुई कि तुम नियमित रूप से पढ़ाई कर रहे हो और हॉस्टल के खाने-पीने का भी ध्यान रख रहे हो, पर यह जानकर थोड़ी निराशा हुई कि तुम सुबह देर तक सोते हो और किसी भी प्रकार का व्यायाम नहीं करते।
जैसा कि तुम जानते हो, स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मन का वास होता है। और स्वस्थ शरीर के लिए व्यायाम बहुत ज़रूरी है। प्रातःकाल भ्रमण, अर्थात सुबह की सैर, एक बहुत अच्छा व्यायाम है। सुबह की ताजी हवा में प्रदूषण कम होता है और शुद्ध ऑक्सीजन की प्रचुरता होती है, जो हमारे फेफड़ों को स्वच्छ करती है और शरीर में नई ऊर्जा का संचार करती है। इससे हमारा मन तरोताजा रहता है, और हम दिन भर ऊर्जावान महसूस करते हैं।
प्रातः भ्रमण से न केवल शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार होता है बल्कि मानसिक स्वास्थ्य को भी अनेक लाभ पहुँचते हैं। इसके अलावा, सुबह की सैर से रक्त संचार बेहतर होता है, पाचन क्रिया दुरुस्त रहती है और वजन नियंत्रण में रहता है। इसलिए, मैं तुम्हें सलाह दूंगा कि तुम अपनी दिनचर्या में प्रातः भ्रमण को अवश्य शामिल करो। यह तुम्हारे लिए बहुत फायदेमंद होगा। माँ और पिताजी ने तुम्हारे लिए आशीर्वाद भेजा है। अपनी सेहत और पढ़ाई पर ध्यान देते रहना।
तुम्हारा भाई,
अनिल शर्मा