अनिल शर्मा,
गाँवदेवी रोड, दादर पश्चिम,
मुंबई – ४२
दिनांक : ……………………..
आदरणीय माताजी,
सादर प्रणाम।
आशा करता हूँ कि आप सब स्वस्थ और खुशहाल होंगे। मैं यहाँ मामा जी के घर बहुत ही आनंद से हूँ और इस पत्र के माध्यम से आपको यहाँ के अनुभवों के बारे में बताना चाहता हूँ।
मामा जी का घर बहुत बड़ा और सुंदर है। यहाँ मुझे अपना खुद का अलग कमरा मिला हुआ है। घर के सामने एक बड़ा बगीचा है, जहाँ अनेक प्रकार के फूल और पौधे लगे हैं। रोज़ सुबह उठकर मैं मामा जी के साथ बगीचे में टहलता हूँ। यहाँ पर कई तरह के पक्षी भी आते हैं, जिनकी चहचहाहट से सुबह बहुत ही सुहानी लगती है। मामा और मामी जी का व्यवहार बहुत ही स्नेही और मृदुल है। मामी जी बहुत ही प्यार से स्वादिष्ट खाना बनाकर खिलाती हैं।
मामा जी के घर के पास एक सुंदर तालाब है, जहाँ मैं रोज़ शाम को मामा जी के साथ जाता हूँ। हम वहाँ मछलियों को खाना खिलाते हैं और बोटिंग भी करते हैं। तालाब के किनारे बैठकर ठंडी हवा का आनंद लेना बहुत ही सुखदायक होता है। मामा जी मुझे कई बार यहाँ के मशहूर पकौड़े और चाय की दुकान पर भी ले गए हैं, जहाँ मैं मजे से खूब पकौड़े खाता हूँ। यहाँ आकर मुझे बहुत मज़ा आ रहा है और बहुत सारी नई-नई चीजें देखने और सीखने को मिल रही हैं। बस कभी-कभी आपकी और पिताजी की कमी महसूस होती है। पंद्रह-बीस दिनों बाद शायद मैं घर वापस आ जाऊँ।
आपका प्रिय पुत्र,
अनिल शर्मा
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