दादा जी को अपने विद्यालय के विषय में बताते हुए पत्र लिखिए ।

अनिल शर्मा, गाँवदेवी रोड, दादर पश्चिम, मुंबई – ४२ दिनांक : …………………….. आदरणीय दादाजी, सादर प्रणाम। मैं यहाँ छात्रावास में आनंद से हूँ और आशा करता हूँ कि आप सब भी घर में स्वस्थ और खुशहाल होंगे। यह पत्र मैं आपको अपने नए विद्यालय के अनुभवों के बारे में बताने के लिए लिख रहा हूँ। … Read more

मित्र को ग्रीष्मावकाश में अपने घर आने का निमंत्रण देते हुए पत्र लिखिए ।

अमित शर्मा, गाँवदेवी रोड, दादर पश्चिम, मुंबई – ४२ दिनांक : …………………….. प्रिय मित्र रोहन, सप्रेम नमस्कार। मैं यहाँ आनंद से हूँ और उम्मीद करता हूँ कि तुम भी वहाँ आनंद से होगे और तुम्हारे माता-पिता का स्वास्थ्य भी अच्छा होगा। मैं यह पत्र तुम्हें ग्रीष्मावकाश में अपने घर आने का निमंत्रण देने के लिए … Read more

अपने नये मित्र के विषय में बताते हुए अपने पिता को एक पत्र | उन्हें बताओं कि तुम्हें उसमें क्या अच्छा लगा |

अनिल शर्मा, गाँवदेवी रोड, दादर पश्चिम, मुंबई – ४२ दिनांक : …………………….. आदरणीय पिताजी, सादर प्रणाम। मैं हॉस्टल में आनंद से हूँ और आशा करता हूँ कि आप भी स्वस्थ होंगे। यह पत्र मैं अपने नए दोस्त अर्जुन के बारे में बताने के लिए लिख रहा हूँ। वह मेरी कक्षा में पढ़ता है, मिलनसार और … Read more

मित्र को परीक्षा में प्रथम आने पर बधाई पत्र

अशोक कदम, गाँवदेवी रोड़, दादर पश्चिम, मुंबई – ४२ दिनांक : …………………….. प्रिय मित्र अशोक, सप्रेम नमस्कार। मैं यहाँ आनंद से हूँ और उम्मीद करता हूँ कि तुम भी वहाँ आनंद से होगे और तुम्हारे माता-पिता का स्वास्थ्य भी अच्छा होगा। मैं यह पत्र तुम्हें परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त करने पर बधाई देने के … Read more

विवेकानंद

1) इसलिए देर होने पर वह बालक अपने विद्यालय उसी रास्ते से जा रहा था। क) विद्यालय जाने का छोटा रास्ता खतरनाक क्यों था ? उत्तर: विद्यालय जाने का छोटा रास्ता एक निर्जन बगीचे से होकर गुजरता था। जहां असंख्य शरारती बंदर रहा करते थे। वह आने जाने वाले लोगों को डराते और उन पर … Read more

झूठ का सच

1) मैं किसी को एक नजर में ही पहचान जाता हूँ कि आदमी अच्छा है या बुरा। क) गोनू झा का मित्र उसे क्यों प्रभावित था ? उत्तर: गोनू झा का मित्र उससे प्रभावित था क्योंकि सभी लोग गोनू झा का लोहा मानते थे। गोनू झा दोस्त को दुश्मन, दुश्मन को दोस्त, मुर्ख को विद्वान, … Read more

अरे! ऐसा भी हो सकता है क्या?

अरे! ऐसा भी हो सकता है क्या? उस डायरी को पढ़ते-पढ़ते रमन के मन में ये सवाल बार-बार आ रहा था। एक छोटे से गाँव में, जहाँ की आबादी मुश्किल से सौ के करीब थी, वहाँ एक साधारण किसान रमन अपने परिवार के साथ रहता था। रमन की जिंदगी खेतों में काम करने और अपने … Read more

गुलेल का गुल

क) इसके लिए मैंने वहाँ एक बहुत ही जबरदस्त गुलेल बनाई। 1) परीक्षाफल आने के बाद लेखक रहने के लिए कहाँ गया? उत्तर: परीक्षा फल आने के बाद लेखक अपनी मां और बहन के साथ राजस्थान में टोंक जिले के देवली नामक स्थान गया, जहां केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल का ट्रेनिंग सेंटर है। 2) जीवन … Read more

अनोखा पुरस्कार

क) अच्छा हुआ, मुझे पता तो चल गया कि मैं वास्तव में राजा ही नहीं, मनुष्य भी हूं। राजा कहाँ भटक गया था? उत्तर: राजा जंगल में शिकार खेलने के लिए आया था और वहाँ राह भूल कर भटक गया। राजा को आश्चर्य क्यों हुआ? उत्तर: राजा को इस बात से आश्चर्य हुआ कि अंधेरा … Read more

सफलता का मंत्र : समय प्रबंधन

क) उसकी इस शरारत पर भी सबको बड़ी हंसी आती थी। 1) रात के खाने के संबंध में दादाजी ने क्या नियम बनाया था? उत्तर: दादाजी समय के बड़े पाबंद थे। उनके घर में रात का खाना हर रोज नौ बजे ही खाया जाता था और परिवार के सभी सदस्य मिलकर एक साथ बैठकर खाते … Read more

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